अनमोल निधि है 'आशीर्वाद'



मानव जीवन में आशीर्वाद का विशेष महत्व है। माता-पिता, गुरुजनों एवं वृद्धजनों का आशीर्वाद अनमोल निधि है। आशीर्वाद से मनुष्यों के मन की पवित्रता एवं मनोबल दृढ़ होता है। आशीर्वाद पाकर मनुष्य का अंतरमन प्रसन्नता से ओत-प्रोत रहता है। आशीर्वाद से मनुष्य का आत्मविश्वास भी जाग्रत हो जाता है। किसी युद्ध के दौरान जिस प्रकार से कवच मानव शरीर की रक्षा करता है। उसी प्रकार से आशीर्वाद भी एक गुप्त मानसिक कवच है। आशीर्वाद मनुष्यों को शक्ति का उचित दिशा में उपयोग करना सिखाता है। आशीर्वाद मानव शक्ति का छिपा हुआ केंद्र है। अतः मनुष्यों के कर्म तथा व्यवहार धर्मानुकूल होने चाहिए। ताकि बड़ों-बुजुर्गों के ह्रदय से स्वतः ही उनके लिए आशीर्वाद निकले। मनुष्यों को आशीर्वाद श्रम, लगन, निष्ठा एवं विनयशीलता के परिणामस्वरूप ही प्राप्त होता है। 

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