एक चुटकी सिंदूर की क़ीमत ...


सुहाग का प्रतीक सिंदूर
भारत वर्ष में सिंदूर अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। मांग में सिंदूर लगाने की यह पुरातन परंपरा रामायण काल से चली आ रही है। भारतीय वैदिक परंपरा में विवाह के बाद महिलाओं को मांग में सिंदूर भरना आवश्यक हो जाता है। विवाह के समय सुमंगली क्रिया के अंतर्गत सर्व प्रथम वर द्वारा वधू की मांग में सिंदूर भरा जाता है। जो पति के जीवित रहने तक जीवनपर्यंत महिलाओं की सुहाग की निशानी के रूप में उसकी मांग में सजा रहता है। 

अध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कारणों के अतिरिक्त सिंदूर के पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण भी है। जो पूरी तरह स्वास्थ्य से जुड़ा है। क्योंकि महिलाएं सिर के जिस ब्रह्मरंध्र नामक स्थान पर सिंदूर लगाती हैं। वह अत्यंत संवेदनशील होती है। तथा सिंदूर में पाया जाने वाला पारा ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है। पारा महिलाओं को न केवल तनाव से दूर रखता है, अपितु मस्तिष्क को भी हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है। इसके अतिरिक्त स्त्रियों के भाल प्रदेश में सिंदूर की बिंदु जहां सौभाग्य का प्रधान लक्षण समझा जाता है। वहीं सिंदूर से सौन्दर्य भी बढ़ जाता है। पिछले कुछ वर्षों से गुजरात, महारष्ट्र, मद्रास, बिहार तथा बंगाल जैसे प्रदेशों में स्त्रियों के मस्तक में निरंतर भावबिंदु सजा देखकर पंजाब,  देहली एवं मारवाड़ प्रांत की स्त्रियों ने भी मस्तक में नित्य बिंदी लगाना अनिवार्य बना लिया है। 

पौराणिक कहानी 
एक मान्यता के अनुसार यदि स्त्री के बीच मांग में सिन्दूर भरा है और सिंदूर भी काफी लंबा लगाती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है। इस वजह से सुग्रीव ने बालि से काफी मार खाई और किसी तरह अपनी जान बचाते हुए वह श्रीराम के पास पहुंचा और यह सवाल किया कि उन्होंने बालि को क्यों नहीं मारा।
जिस पर श्रीराम ने कहा कि तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है, इसलिए मैं भ्रमित हो गया और वार ना कर सका। किंतु यह पूरी सच्चाई नहीं है। क्योंकि भगवान श्रीराम किसी को पहचान ना सकें, ऐसा नहीं हो सकता। उनकी दृष्टि से कोई नहीं बच सकता।
असली बात तो यह थी कि जब श्रीराम बालि को मारने ही वाले थे तो उनकी नजर अचानक बालि की पत्नी तारा की मांग पर पड़ी, जो कि सिंदूर से भरी हुई थी। इसलिए उन्होंने सिंदूर का सम्मान करते हुए बालि को तब नहीं मारा।
किंतु अगली बार जब उन्होंने यह पाया कि बालि की पत्नी स्नान कर रही है, तो मौका पाते ही उन्होंने बालि को मार गिराया। इसी कहानी के आधार पर यह मान्यता बनी हुई है कि जो पत्नी अपनी मांग में सिंदूर भरती है, उसके पति की आयु लंबी होती है। (
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