Shani Vakri 2020 : शनि ही बचायेंगे अपने वक्री काल से | Chanting ऋग्वेद ...



शनि देव 11 मई 2020 को सुबह 9:09 पर अपनी स्वराशि मकर में वक्री हो गए हैं। उसके बाद 29 सितंबर 2020 शनि देव अपने पिता के नक्षत्र उत्तराषाढ़ के चतुर्थ चरण में वक्री होंगे। 29 सितंबर 2020 उत्तराषाढ़ दूसरे चरण में मार्गी होंगे। इस प्रकार शनि 4 माह 18 दिनों के लिए वक्री गति से चलेंगे। शास्त्र कहता है जब कोई पापी ग्रह वक्री चलता है तो उसके प्रभाव पृथ्वी पर अत्यधिक देखने को मिलते हैं। 





ऐसे में शनि ही बचायेंगे अपने वक्री काल से | Chanting ऋग्वेद Shani Mantra 108 Timesm, इन मन्त्रों को आज ही जरूर सुन लें और कर लें ये उपाय, (शनि शत्रु नहीं , मित्र है ) पूरे होंगे बिगड़े काम, विशेष उपाय 43 दिनों तक रोज़ सुनें. मिलेगा साढ़े साती और ढैया से छुटकारा .
शनि देव सूर्य देव और छाया की संतान हैं। शनि देव न्याय के देवता कहे गए हैं। पृथ्वी पर शनि को श्रमिक, निर्माण कार्य, लोहा, रसायन, द्रव्य का कारक माना गया है। शास्त्र कहता है शनि अच्छे काम वाले के साथ अच्छा फल व बुरे काम वाले के साथ बुरा फल देता है। शनि वक्री होने के कारण पृथ्वी में श्रमिक और प्रायवेट जॉब में असंतोष बढेगा। शनि से सम्बंधित कार्य में गिरावट दिखेगी,रोग से भय की स्थिति बनेगी

वक्री शनि से कैसा होगा 12 राशियों का हाल ....

मेष:- व्यवधान, खर्च की स्थिति बढ़ेगी,पिता के स्वास्थ्य में परेशानी बढ़ेगी | वृष :- धर्म के प्रति रुचि बढ़ेगी, भाग्य का साथ मिलेगा। मिथुन :- रोग में वृद्धि के योग,वाणी का सावधानी से उपयोग करें। कर्क :- जीवन साथी के साथ मतभेद की स्थिति बनेगी। सिंह :- कर्ज में वृद्धि होगी, शत्रु भी बढ़ेंगे। शासन के साथ व्यर्थ ना लड़े।

कन्या :- संतान योग बनेंगे,आकस्मिक धन लाभ के योग बनेंगे। तुला :- मकान वाहन के योग,माता द्वारा लाभ,कार्य क्षेत्र में तरक्की। वृश्चिक :- मित्रों से विवाद हो सकता है, सफलता के लिए अत्यधिक परिश्रम करना पड़ेगा। धनु :- वाणी पर ध्यान दें, परिवार में विवाद, पेट की समस्या, पैर में चोट के योग। मकर :- मन अशांत रहेगा,जीवन साथी के साथ भी मन मुटाव के योग बनेंगे। कुंभ :- व्यय के योग बनेंगे, आलसी बनेंगे, न्यायालय संबंधी परेशानी बढ़ेगी। मीन :- बड़े भाई बहन से लाभ मिलेगा, व्यापार में उन्नति,धन लाभ के योग बनेंगे।

शनि शांति के उपाय

पीपल के पेड़ पर सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दिया

दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ

हनुमान जी की आराधना

पुरानी लोहे की नाव से बनी अंगूठ

Powerful Shani Mantra:

नि की साढेसाती और ढैया से छुटकारा का विशेष उपाय 43 दिनों तक रोज़ सुनें. ( REMOVE BAD EFFECTS OF SHANI AND SADE-SATI) 


वैदिक शनि मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः। पौराणिक शनि मंत्र- :ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। तांत्रिक शनि मंत्र- :ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। (19000 times chanting) बीज मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नम:।

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Shani Mantra - Nilanjan Sambhasam Raviputram Yamagrajam | Chayaamartand Sambhootam Tam Namaami Shanaischaram ||

 SHANI BEEJ MANTRA Powerful Mantra of Shani dev (Saturn) 108 time- Om Pram Preem Proum sah Shanaye Namah . 

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