PM Modi और Nirmala Sitharaman के Economic Package में नौकरीपेशा, छोटे का...



प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 12 मई को 20 लाख करोड़ के भारी भरकम पैकेज  का ऐलान किया गया। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर MSMEs और नौकरीपेशा लोगों को राहत का ऐलान किया। वित्त मंत्री की तरफ से तमाम घोषणाएं की गईं जिसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें

- एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है जो कोलैक्ट्रल फ्री है। इसके अलावा सब-ऑर्डिनेट डेट के रूप में 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। फंड ऑफ फंड्स के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन की भी घोषणा की गई है। MSME की परिभाषा बदल दी गई है। नई परिभाषा में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस यूनिट को एक कैटिगरी में डाल दिया गया है। इसके अलावा उनका क्लासिफिकेशन इन्वेस्टमेंट और टर्नओवर, दोनों आधार पर किया गया है।

- वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

- बिजनस और वर्कर्स के लिए EPF सपॉर्ट के रूप में 2500 करोड़ का ऐलान। मतलब, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत सपॉर्ट को बढ़ाकर अगस्त 2020 तक कर दिया है। पहले इसका ऐलान मार्च, अप्रैल और मई महीने के लिए किया गया था। इस स्कीम के तहत सरकार एंप्लॉयर और एंप्लॉयी का हिस्सा जमा कर रही है। इसका फायदा 3.67 एंप्लॉयर और 72.22 लाख एंप्लॉयी को मिल रह है।


- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (EPF) में योगदान की राशि को कम करने का ऐलान किया है। अब तक बेसिक पे का 12 प्रतिशत एंप्लॉयर और 12 प्रतिशत एंप्लॉयी पीएफ फंड में जमा करता रहा है। अगले तीन महीने के लिए इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इससे 6750 करोड़ रुपये का लिक्विडिटी सपॉर्ट मिलेगा

-वेतन को छोड़ कर दूसरे प्रकार के भुगतान पर टीडीएस, टीसीएस की दर 31 मार्च 2021 तक 25 प्रतिशत कम की गयी, इससे इकाइयों के हाथ में खर्च करने को 50,000 करोड़ रुपये की राशि मुक्त होगी

- डिस्कॉम के लिए 90 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है।

-एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनीज) को आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के जरिये 45,000 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध करायी जाएगी।

- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), आवास वित्त कंपनियों (HFCs) और एमएफआई (MFIs) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के धन के उधार की सुविधा।

-एमएसएमई को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी, दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे।

- लॉकडाउन के दौरान करदाताओं को 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया, 14 लाख करदाताओं को इसका लाभ मिला।


MSME के लिए 6 बड़े ऐलान

1. एमएसएमई और बिजनस के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के लिए कोलैटरल फ्री 100% ऑटोमैटिक लोन। 45 लाख एमएसएमई को इससे फायदा मिलेगा। MSME को एक साल तक ईएमआई चुकाने से मिली राहत। जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना है। यह 31 अक्टूबर 2020 तक वैलिड है।

2. स्ट्रेस्ड MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ रुपये सब-ऑर्डिनेट डेट दिया जाएगा। इससे 2 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा।

3. फंड ऑफ फंड्स के जरिए MSMEs के लिए 50 हजार करोड़ रुपये इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा।

4. MSME की परिभाषा बदली गई।

5. 200 करोड़ रुपये के लिए ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं।

6. MSMEs को ई-मार्केट लिंकेज किया जाएगा। ट्रेड फेयर में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी।

-18000 हजार करोड़ रुपये टैक्स पेयर्स को रिफंड देकर राहत दी गई है। 14 लाख टैक्सपेयर्स को इसका फायदा भी मिला है।

-पहली बार जब राहत पैकेज की घोषणा की गई थी उसमें 41 करोड़ अकाउंट्स में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे मदद पहुंचाई गए।

-कोरोना के कारण जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई सरकार 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई और हमने यह सुनिश्चित किया कि देश का कोई गरीब, किसान और मजदूर भूखा ना रहे।

-आत्मनिर्भर भारत के पांच पिलर हैं। ये हैं- इकॉनमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्रॉफी और डिमांड।

-इस पैकेज का फैसला गंभीर चर्चा के बाद लिया गया है। सभी मंत्रालय और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से बात के बाद इसका फैसला लिया गया है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं है कि हम दुनिया में अलग हो जाएंगे।

-अभी यह जरूरी है कि विकास दर में तेजी आए और हम आत्मनिर्भर बनें।



1.7 लाख करोड़ का राहत पैकेज पहले घोषित हो चुका है


मार्च के महीने में सरकार पहले ही 1.7 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज ला चुकी है। इस पैकेज के जरिए सरकार की कोशिश हर शख्स की पेट भरने की थी। इसके तहत जनधन खाते में तीन महीने के लिए 500-500 रुपये डाले जा रहे हैं। पीएम किसान योजना की किस्त जमा की गई है। इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत तीन महीने के लिए गैस सिलिंडर मुफ्त में बांटे जा रहे हैं।

19 मई से हवाई सेवा भी शुरू हो रही है


वर्तमान में देश में कोरोना लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है जो 17 मई को समाप्त होगा। प्रधानमंत्री ने मंगलवार के अपने संबोधन में लॉकडाउन-4 (Lockdown 4.0 in India)की भी घोषणा कर चुके हैं। हालांकि इसमें तमाम रियायतें बढ़ाई जाएंगी। जैसा कि हम जानते हैं, 12 मई से आंशिक तौर पर ट्रेन सेवा की शुरुआत हो चुकी है। 19 मई से एयर इंडिया घरेलू विमान सेवा भी शुरू करने जा रही है।

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