नाखूनों पर बना अर्ध चांद क्या बताता है ?



नाखूनों पर बने अर्ध चांद  का क्या मतलब होता है?

अगर हम अपने शारीरिक अंगों को ध्यान से देखें, तो कभी-कभी अचंभा होता है कि कुदरत ने कितनी कमाल की चीज बनाई है। हर शरीरिक अंग को बनाते हुए काफी बारीकी से काम किया है। हमारी त्वचा पर बने रोमछिद्र, हाथों पर बनी टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें, हाथ-पैरों के नाखून, ये कुछ चीजें हैं जो इन अंगों को पूरा बनाती हैं। लेकिन ये चीजें यूं ही नहीं बनी हैं। हर किसी का एक मतलब है, एक मकसद है जो इनके होने का महत्व बताता है। जैसे त्वचा पर बने रोमछिद्र की ही बात कर लीजिए, अगर ये ना हों तो हमारी त्वचा सांस कैसे लेगी.

शारीरिक अंगों का महत्व

त्वचा सांस लेती है और इन रोमछिद्रों की मदद से ही स्वस्थ रहती है। यदि ये रोमछिद्र बंद हो जाएं, तो त्वचा मुरझा जाती है। वह मैली और बेरंग होने लगती हैहमारे शरीर पर मौजूद विभिन्न शरीरिक अंगों में से हमारे हाथ-पांव काफी महत्वपूर्ण माने गए हैं। वैसे तो हर एक शारीरिक अंग का अपना महत्व एवं जरूरत है, लेकिन अगर हाथ-पांव की बात करें तो इनकी भूमिका हमारी लाइफ में छोटी नहीं है

नाखूनों का महत्व

नाखून हाथों-पैरों कोसम्पूर्णबनाते हैं, ये उनकी खूबसूरती भी बढ़ाते हैं, नाखून कितने जरूरी हैं, इसका महत्व आपको महिलाएं अधिक गहराई से समझा सकती हैं। खैर हम खूबसूरती की नहीं, यहां नाखूनों पर बने एक खास चिह्न के बारे में चर्चा करेंगे।
हर किसी के नाखून अलग-अलग प्रकार के होते हैं। फिर चाहे वे हाथ के हों या पांव के, इनके आकार और साइज में फर्क होता है। लेकिन एक चीज जो कॉमन है, वो है इन नाखूनों पर बना अर्धचंद्राकार। जी हांक्या कभी आपने नाखून पर बने सफेद चंद्राकार को देखा है? हमारे हाथ की अंगुली की त्वचा के खत्म होते ही जहां से नाखून बनना आरंभ होता है, ये चंद्राकार ठीक वहीं बना होता है।

चंद्राकार निशान यानि अर्ध चांद 

इसे अंग्रेजी में लून्यल कहा जाता है, क्योंकि यह अर्ध चांद के आकार का होता है। येहॉफ मूनके नाम से भी प्रसिद्ध है। लेकिन ये यहां क्यों बना है और इसके होने का क्या महत्व है, क्या कभी आपने जाना हैयह निशान हर किसी के नाखून पर होता है। हाथ की अंगुलियों पर और पांव की अंगुलियों के नाखूनों पर भी सफेद चंद्राकार को बना हुआ आप देख सकते हैं। लेकिन इसके होने का क्या मतलब है?
नाखून पर बने इस चंद्राकार निशान के बारे में कहते हैं कि ये असल में सफेद रंग का नहीं होता। यह नाखूनों की वजह से सफेद रंग का दिखाई देता है। असल में इस निशान के नीचे ही परत से जुड़े तत्व पाए जाते हैं, लेकिन इसकी वजह से वे ढंक जाते हैं।यह निशान हर किसी को अपने नाखून पर दिखाई भी नहीं देता। नाखून के नीच यह निशान होता तो जरूर है, लेकिन कई बार इतना हल्का होता है कि दिखता नहीं है।
अगर गलती से किसी के नाखून के इसी हिस्से पर चोट लग जाए और यह निशान टूट जाए तो पूरा नाखून टूट जाता है। और दोबारा नाखून के आने की संभावना भी खत्म हो जाती है। लेकिन अगर नाखून आगे से टूटा है तो यह निशान बच जाता है। आगे से नाखून भले ही अलग हो जाए, लेकिन ये निशान वहीं का वहीं सलामत रहता है।

बहुत कुछ बताता है ये निशान

नाखून पर बने चंद्राकार निशान की एक और रोचक बात है और वो यह कि यह पूर्ण रूप से हाथ के अंगूठे के निशान पर ही दिखता है। अगर आपके अंगूठे के नाखून पर यह दिखाई देता है, तो आप यह जांच सकते हैं कि यह अन्य अंगुलियों के नाखून पर बेहद कम दिखता है।लेकिन इस चंद्राकार निशान के असली उद्देश्य की बात करें, तो विशेषज्ञों की राय में ये हमारे हेल्थ की जानकारी देता है। हमारा शरीर कितना मजबूत है, इसके बारे में बताता है।
यह निशान अगर किसी के हाथ के नाखून पर पूरी तरह दिखता है, तो वह इंसान स्वस्थ है। लेकिन इसका कम होना या ना के बराबर दिखना उस व्यक्ति के बीमार होने के बारे में बताता है। ऐसा व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर होता है और उसकी पाचन शक्ति भी कमजोर होती है।


विशेषज्ञों ने एक परफेक्ट चंद्राकार निशान की भी व्याख्या की है। उनके अनुसार अगर व्यक्ति के दोनों हाथ पर कम से कम 8 ऐसे निशान पूर्ण रूप से दिखते हैं, तो वह इंसान स्वस्थ है। इससे कम निशान होना चिंता की बात है.ये निशान जितने ज्यादा सफेद रंग के होंगे, उतना ही वह इंसान शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत माना जाएगा। लेकिन इनका कम सफेद होना या कुछ पीला होना, व्यक्ति के भीतर बड़ी मात्रा में पल रहे टॉक्सिन (विषैले पदार्थों) की निशानी होता है। 

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