फुटबॉल के 50 मैदान के बराबर है दुबई का एक मॉल, मेरी पहली दुबई यात्रा


THE DUBAI MALL Walking TourThe Dubai Mall - Equivalent to 50 football pitches!


दुबई , कोई इसे मिडिल ईस्ट का 'पेरिस' कहता है तो कोई ग्लोबल सिटी। किसी की नजर में यह एक अलहदा बिजनेस सेंटर है तो किसी के लिए 'ए ब्यूटीफुल ट्रेवल डेस्टिनेशन'। पिछले दिनों संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शहर दुबई जाने का मौका मिला। इसी दौरान दुबई को थोड़ा करीब से जाना. खास तौर पर दुबई के चर्चित माल को.

शॉपिंग मॉल में सबसे बड़ा ऐक्रेलिक पैनल एक्वैरियम (Acrylic Panel Aquarium) भी है,। जिसमें स्टिंग किरणों के साथ प्रदर्शन पर कई शार्क घूमती नज़र आती हैं। बहुत से लोग बस (निशुल्क) से बाहर का आनंद लेते हैं, अंदर के दौरे के लिए 100 दिरहम से अधिक खर्च करते हैं। ध्यान रहे कि फिल्म अभिनेता शाहरुख खान दुबई को अपना दूसरा घर मानते है, खान ने दुबई टूरिज्म को बढ़वा देने लिए पिछले दिनों #BeMyGuest नाम से एक वीडियो कैम्पेन चलाया था, जिसके तहत उन्होंने भारतीयों को दुबई आने के लिए आमंत्रित किया था, गौरतलब है कि दुबई में भारत के लोग अधिक संख्या में हैं। किसी भी टैक्सी में बैठ जाएँ, ड्राइवर हिन्दी बोलता हुआ मिलेगा । दुबई आने के बाद ऊँची-ऊँची इमारतें, आधुनिक जीवनशैली, इंफ्रास्ट्रक्चर और कानून-कायदों को देख लगा कि हम विदेश में हैं लेकिन जब लोगों से बात की तो हर तरफ भारतीयता का अहसास हुआ। यहाँ भारत के लोग बहुतायत में हैं। किसी भी होटल में चले जाएँ, वेटर को हिन्दी आती है और किसी भी शॉपकीपर या उसके हेल्पर को हिन्दी बोलते देखा जा सकता है। ज्यादातर भारतीय यहाँ किसी उच्च पद पर काम नहीं करते लेकिन पगार भारत के रईसों जैसी पाते हैं। वैसे कई भारतीय यहाँ अपना बिजनेस कर रहे हैं और कई अपनी प्रतिभा के बल पर दुबई वासियों को मोहित कर रहे हैं। इसके अलावा यहाँ पाकिस्तान, फिलीपींस और मलेशिया के लोगों की संख्या भी कम नहीं। यहाँ ट्रैफिक को लेकर काफी सख्ती है। कोई भी वाहन चालक नियम तोड़ने में घबराता है। यहाँ भारतीय परम्परानुसार 'पुलिस वाले' को हरा या पीला नोट पकड़ाकर आगे बढ़ने का तरीका नहीं अपनाया जाता है। पुलिस कहीं नजर नहीं आती, हर जगह कैमरे लगे हैं। जहाँ नियम तोड़ा वहाँ के फोटो, समय के साथ, क्या गलती की उसका चालान आपके घर पहुँच जाता है। दुबई में लोग आपको इधर-उधर थूकते हुए नहीं दिखेंगे। यह सिर्फ साफ-सफाई बनाए रखने के लिए नहीं है बल्कि यहाँ के नियमों में ही है। साठ के दशक में यहाँ की जमीन में तेल की खोज की गई थी, तभी से यहाँ जमीन को अदब देने के लिए उस पर कोई थूकता या गंदगी नहीं करता। पिछले दिनों बॉलीवुड एक्‍ट्रेस श्रीदेवी की मौत को लेकर दुबई चर्चा में आया था, इससे पहले अंडरवर्ल्ड माफियों की पनाहगाह और उन क गतिविधियों को लेकर जन मानस में अलग ही छवि बानी हुई थी .











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